Tuesday, June 11, 2024

खुशियों का हो जहां। (गजल)

खुशियों का हो जहां। (गजल)


आंखों में फूटी हसी,
लबों पे मिली नजर,
दिल में छुपी है खुशी,
ज़ुबां पे है असर।

बातों में है मिठास,
मन में है प्यार भरा,
हर दिन हो रहा खास,
जीवन में रंग ढरा।

सपनों में बसी खुशी,
हकीकत में भी आ गई,
तेरे बिना न थी जमीं,
तेरे साथ आसमान छा गई।

पलकों पे ख्वाब सजे,
दिल में उम्मीद नई,
तेरे बिना रात कटे,
तेरे संग सुबह नई।

आओ चलें हमसफ़र,
सपनों के पार जहां,
प्यार भरा हो सफर,
खुशियों का हो जहां।

रचना 
जी आर कवियूर
11 06 2024

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