इशारों पर इशारे
इतना तो देती थी
इश्क के मारे ना
भूल नहीं सकते
तेरी हँसी के मंजर
आँखों में बसी है
रातों को जाग जाग
तेरी यादें सजी हैं
तन्हाई में तेरे
ख्वाबों में खो जाते हैं
दिल के दरीचे में
तेरी तस्वीर सजाते हैं
तेरे बिना ये दिल
अब किसी का न हुआ
तेरे बिना ये शहर
अब किसी का न हुआ
जी आर कवियूर
16 06 2024
No comments:
Post a Comment