ख्यालों का जादू,
तेरी यादें खुशबू की तरह,
मन को भा गई, क्या कहूँ।
बिना तन्हाई हर लम्हा अधूरा,
साथ बिताए पल, हैं मेरे सुकून।
चाँदनी रातों में, ख्यालों का जादू,
हँसी की गूंज सुनाई देती है।
हर एक सांस में नाम बसा है,
खुशियों का जहां अब आबाद है।
सपनों में वो छवि आती बार-बार,
बिना संग ये जीवन लगता बेकार।
जब संग हो, सब कुछ आसान लगता,
हर खुशी में एक नया रंग भरता।
यादें खुशबू की तरह,
मन को भा गई, क्या कहूँ।
जी आर कवियूर
18 09 2024
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