तन्हा सा रहता है
रिश्तों की ये दूरी
अजीब सा लगता है
रास्ते कितने भी जाए
फासला रखता है
तेरे बिना ये रातें
सुनसान सी लगती हैं
ख्वाबों में भी तेरा
साया साथ रहता है
दिल की धड़कन में
तेरा नाम बसा है
हर लम्हा तेरा इंतज़ार
मेरे मन में छिपा है
जब भी तू पास आए
जिंदगी खिल उठे
तेरे बिना ये सफर
अधूरा सा लगता है
आँखों में तेरा नूर
हर सुबह जगाता है
तेरे बिना ये दिल
बस तन्हा सा रहता है
जी आर कवियूर
12 09 2024
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