Thursday, September 12, 2024

तन्हा सा रहता है

तन्हा सा रहता है  

रिश्तों की ये दूरी  
अजीब सा लगता है  
रास्ते कितने भी जाए  
फासला रखता है  

तेरे बिना ये रातें  
सुनसान सी लगती हैं  
ख्वाबों में भी तेरा  
साया साथ रहता है  

दिल की धड़कन में  
तेरा नाम बसा है  
हर लम्हा तेरा इंतज़ार  
मेरे मन में छिपा है  

जब भी तू पास आए  
जिंदगी खिल उठे  
तेरे बिना ये सफर  
अधूरा सा लगता है  

आँखों में तेरा नूर  
हर सुबह जगाता है  
तेरे बिना ये दिल  
बस तन्हा सा रहता है  

जी आर कवियूर
12 09 2024



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