तुम्हें कितना चाहते हैं सनम
बिन तुम्हारे ये जीवन अधूरा
तुम हो सच्चा साथी हमारा
हर सुख-दुख में तुम्हारा साथ
मिलता है हमें अनमोल विश्वास
तुम्हारी हंसी से खिलती रुत
आँसू से गमगीन हो जाती धरा
हमारे दिल का अरमान हो तुम
दिल की पहचान हो तुम
सपनों में भी आते हो तुम
सांसों में भी बसे हो तुम
बिन तुम्हारे सूना है जीवन
दिल की धड़कन हो तुम
हमारी खुशी का कारण हो
हर खुशी की वजह हो तुम
रोशन है तुमसे ये जहां
जीवन का मकसद हो तुम
जी आर कवियूर
02 08 2024
No comments:
Post a Comment