एक दुनिया बसी है नक़ाबों में,
सच्चाई के राज छुपे हैं यहाँ।
हर दिल में छुपी एक अधूरी ख्वाहिश,
बयाँ करें नज़रें, पर कहीं से भी नहीं।
खामोशी बोलती है, हर नक़ाब की तरह,
आवाज़ें बस दिखावे की हैं यहाँ।
बेवफाई की तलाश में हर कोई,
दिल के दरियाओं में, खुदा की तलाश है यहाँ।
रंगीन नकाबों में हर कोई छुपा है,
चेहरे बदलते हैं, पर दिल वहीँ हैं।
आँखों में सच्चाई की एक झलक,
पर डरते हैं, बिना नकाब के जीने से यहाँ।
जी आर कवियूर
03 08 2024
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