सात सुरों की सरगम
सात सुरों की सरगम में,
हर ग़म भुला दिया।
सागर के उस पार तक,
तेरे संग मैं जिया।
तेरी मेरी कहानी,
सात जन्मों की बात।
बिछड़े हुए यादों में,
न हो कोई फासला, मेरी जान।
गीत संगीत है मेरी,
सावन में बजती शहनाई।
फूल खिले जैसे अंबर में,
तारे झिलमिलाते, प्यारी छाया।
तेरी मेरी कहानी,
सात जन्मों की बात।
बिछड़े हुए यादों में,
न हो कोई फासला, मेरी जान।
हाय, कैसे छुपाऊं मैं,
तेरी मुस्कान का जादू।
घायल कर दिया मुझे,
यार, तेरा ही तो है साज।
सात सुरों की सरगम में,
हर ग़म भुला दिया।
तेरे संग, मेरे यार,
संगम की लहरों में जिया।
जी आर कवियूर
29 08 2024
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