दास्तान यह प्यार का
हर धड़कन में बसा है
एक एहसास इंतज़ार का
रातों को नींद न आए
तेरी यादों में खो जाए
हर ख्वाब में तुझसे
मिलने का अरमान आए
कभी ना हो ये दूरी
ना हो कभी ये मजबूरी
तेरे बिना जीना मुश्किल
ये जीवन हो अधूरी
दिल देने वाले समझे
दास्तान यह प्यार का।
जी आर कवियूर
22 08 2024
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