हर एक बार में
पर्दा की है तूने
छुपाई हमसे छुपी नहीं
तेरी नजराना प्यार का
हर एक अदा में, हर एक लम्हा में
झलकती है तेरी छवि हसीं,
खामोशी में भी, बातों में भी
छुपा है कोई अफसाना तेरी मोहब्बत का।
हर एक दर्द में, हर एक ख़ुशी में
मेरा साथी बना है तू,
जाने-अनजाने, हर मोड़ पर
मेरे दिल में तू ही बसा है।
हर रात के तारे, हर दिन की धूप
गवाही देते हैं तेरे प्यार की,
तेरी धड़कनों में, मेरी धड़कनें
मिलती हैं एक साज की तरह।
जी आर कवियूर
19 08 2024
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