तू मेरे दिल की आईना देखे हैं
क्या बताऊं उसे पर छाया जो है
तेरे सिवा वह किसी का भी नहीं है
समझो यह गहराई कितनी है प्यार का
तू मेरी सांसों में बसी है
तेरी यादों का हर पल है
बिन तेरे जीना अब नामुमकिन
तू ही मेरा जीवन का हर पहलू है
आंखों में बस तेरा चेहरा है
दिल में तेरी धड़कन सजीव है
तेरे बिना यह दिल तन्हा है
तेरी हंसी में ही मेरी खुशी है
हर लम्हा तुझसे जुड़ा है
तेरे प्यार में मेरा जहां बसा है
तू ही है वो जिसे चाहा मैंने
तू ही मेरा सपना और सच्चाई है
जी आर कवियूर
21 08 2024
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