तेरे बिना अधूरी है
अगर तुम मुझे इतना
चाहते तो चले आते
उन आंखों में आंखें डाल कर
सारे गिले-शिकवे भुलाते
आज भी तेरी यादों से
जन्नत की सैर करता हूं
तेरे बिना इन राहों में
खुद को तन्हा सा पाता हूं
तुम्हारे बिना ये शामें
उदास और वीरान हैं
दिल की धड़कनें भी अब
बेमकसद सी जान हैं
काश तुम समझ पाते
मेरे दिल की ये पुकार
तुम्हारे बिन ये जिंदगी
है अधूरी, बेकरार
तो लौट आओ मेरे सनम
इस दिल की फरियाद सुनो
तेरे बिना अधूरी है
मेरी मोहब्बत की धुन.
जी आर कवियूर
03 08 2024
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