Thursday, August 22, 2024

तू मेरी महबूबा

 तू मेरी महबूबा

महबूबा महबूबा

इरुगुवा रहे तुम या 

परागुआ में रहे तुम या

पानी बिना मछली हूं मैं

सबका दिल का रानी हूं मैं


खोजते हैं आंखें  

बिजली जैसे आंखें

हो जाए सब घायल

ग्लैमर सी हूं यारों

तू छूने से मैं 

सोना बन जाए


रूबीयोमें कोहिनूर हूं

नूरानी चेहरा 

लोगों को चाहै

चांदा भी शर्माए

शर्माए शर्माए शर्माए


मैं मोहिनी हूं, 

चुंबक सी बन गई 

तुम साथ हो, 

जिंदगी जिंदगी खुश हो जाए 


जी आर कवियूर

22 08 2024

No comments:

Post a Comment