तू मेरी महबूबा
महबूबा महबूबा
इरुगुवा रहे तुम या
परागुआ में रहे तुम या
पानी बिना मछली हूं मैं
सबका दिल का रानी हूं मैं
खोजते हैं आंखें
बिजली जैसे आंखें
हो जाए सब घायल
ग्लैमर सी हूं यारों
तू छूने से मैं
सोना बन जाए
रूबीयोमें कोहिनूर हूं
नूरानी चेहरा
लोगों को चाहै
चांदा भी शर्माए
शर्माए शर्माए शर्माए
मैं मोहिनी हूं,
चुंबक सी बन गई
तुम साथ हो,
जिंदगी जिंदगी खुश हो जाए
जी आर कवियूर
22 08 2024
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