Wednesday, August 28, 2024

अंदर अंदर क्या टूटा है

अंदर अंदर क्या टूटा है

अंदर अंदर क्या टूटा है,  
आंखें क्यों भरे हैं तेरे।  
आईने जैसे तेरा दिल है,  
जानते हैं अच्छी तरह।  

तेरे चेहरे की मुस्कान में,  
छुपा है एक गहरा राज़।  
खामोशी में भी तेरा दर्द है,  
सुन ले, ये तेरा आवाज़।  

बातें जो तूने छुपाई हैं,  
दिल की बातें कह दे अब।  
तेरे आंसूओं की कहानी,  
सुन ले, ये तेरा सबब।  

हम साथ हैं, तू ना डर,  
सपनों को फिर से सजाएंगे।  
तेरे हर ग़म को बाँट लेंगे,  
साथ मिलकर मुस्कुराएंगे।  

तेरे दिल की हर धड़कन,  
हम समझेंगे, हम जानेंगे।  
सपनों की दुनिया में चल,  
फिर से हम सब कुछ पाएंगे।

जी आर कवियूर
28 08 2024

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