सीने में धड़कता है दिल तेरे लिए
फिर भी नहीं जाना क्यों यह धड़क
चांद सितारे भी चमके जैसे
तेरी मुस्कान के सामने फीका पड़ गया
तेरे बिना ये मौसम अधूरे,
सपने भी अब वीरान हुए,
हर तरफ तेरी ही यादें,
पर तू कहां खो गई?
दिल की हर धड़कन में,
तेरा ही नाम है,
फिर भी ये दूरी क्यों है,
क्यों तन्हा ये शाम है?
आँखों में तेरी सूरत,
हर पल मुझे सताए,
तू जो ना आई,
ये दिल कैसे बहलाए?
जी आर कवियूर
14 08 2024
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