जहां मैं और तू
कहीं तो होगी वो दुनिया,
जहां तेरे संग मेरा वजूद है,
जहां माँ की ममता और प्यार,
हर कोने में महकती खुशबू है।
जहां तू मेरे साथ मुस्कुराता,
और मैं तेरी हंसी में खो जाता,
जहां बस तेरे मेरे जज़्बात,
खामोशी में भी बातें करते हैं।
वो दुनिया, जहां कोई फासला न हो,
जहां हर दर्द को तेरा हाथ छू ले,
जहां मैं और तू, सिर्फ हम बन जाएं,
और बाकी सब कुछ सपना बन जाए।
जी आर कवियूर
09 08 2024
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