Saturday, August 31, 2024

तेरे बिना मेरा

तेरे बिना मेरा


तेरी होठों की मुस्कान किसके लिए
किसके लिए किसके लिए
चांद तारे भी देखें एक नजर

मेरी जान में बसती है तू
मेरे दिल में रहती है तू
तेरे बिना जीना है मुश्किल मुझे

तू ही मेरी मोहब्बत है, तू ही मेरी जान है
तेरे बिना मेरा जीवन अधूरा
तेरे साथ मेरा जीवन पूरा

मैं तेरे प्यार में दीवाना हूं
तेरी मोहब्बत में गुम हूं
तेरे बिना मेरा कुछ भी नहीं

तू ही मेरी धड़कन है, तू ही मेरी जुबान है
तेरे बिना मेरा जीवन है बेकार
तेरे साथ मेरा जीवन है प्यार

 जी आर कवियूर
01 09 2024

Friday, August 30, 2024

जीवन रेखाओं में

जीवन रेखाओं में

 पंक्तियों में खड़े होने पर  
 इंतज़ार का अनुभव  
 हम शुभकामनाओं के लिए  
 सदा प्रतीक्षा में  

 मन में परेशानी  
 दूसरों के प्रति धैर्य रखें  
 घुलने-मिलने की चाहत में
 एक साथ पंक्तियों में खड़े हैं  

 जीवन की पंक्तियों में
 परिस्थितियाँ बदलती हैं  
 जन्म और मृत्यु में 
 बिना ख़त्म हुए 
 एक बढ़ती वैश्विक घटना
 बहुत इंतज़ार हो रहा है  
 यह हमारे जीवन का हिस्सा है  

 जी आर कवियूर
31 08 2024

Thursday, August 29, 2024

मेरे शब्द

मेरे शब्द

मेरे शब्द केवल शब्द नहीं हैं
ये दिल से निकलने वाली कविताएं हैं

तेरा चेहरा देखते ही मेरा दिल लुटता है
तेरी आंखें देखते ही मैं मदहोश हो जाता हूं

तुझे देखे बिना जीना मुश्किल है
तेरा प्यार न होने पर मैं टिक नहीं पाऊंगा

तेरी मुस्कान देखते ही खुशी छा जाती है
तेरा रोना सुनकर दर्द होता है

तेरे साथ होने पर सुख महसूस होता है
तू चला जाए तो बहुत दुखी हो जाता हूं

तेरी नजदीकी आशीर्वाद और आनंद देती है,
जीवन की उपस्थिति है तू,

मेरे दिल की धड़कन है तू,
अगर तू मुझे भूल न जाए, तो मैं एक तारा हूं।


जी आर कवियूर
30 08 2024



Wednesday, August 28, 2024

सात सुरों की सरगम

सात सुरों की सरगम


सात सुरों की सरगम में,  
हर ग़म भुला दिया।  
सागर के उस पार तक,  
तेरे संग मैं जिया।  

तेरी मेरी कहानी,  
सात जन्मों की बात।  
बिछड़े हुए यादों में,  
न हो कोई फासला, मेरी जान।  

गीत संगीत है मेरी,  
सावन में बजती शहनाई।  
फूल खिले जैसे अंबर में,  
तारे झिलमिलाते, प्यारी छाया।  

तेरी मेरी कहानी,  
सात जन्मों की बात।  
बिछड़े हुए यादों में,  
न हो कोई फासला, मेरी जान।  

हाय, कैसे छुपाऊं मैं,  
तेरी मुस्कान का जादू।  
घायल कर दिया मुझे,  
यार, तेरा ही तो है साज।  

सात सुरों की सरगम में,  
हर ग़म भुला दिया।  
तेरे संग, मेरे यार,  
संगम की लहरों में जिया।  

जी आर कवियूर
29  08 2024

अंदर अंदर क्या टूटा है

अंदर अंदर क्या टूटा है

अंदर अंदर क्या टूटा है,  
आंखें क्यों भरे हैं तेरे।  
आईने जैसे तेरा दिल है,  
जानते हैं अच्छी तरह।  

तेरे चेहरे की मुस्कान में,  
छुपा है एक गहरा राज़।  
खामोशी में भी तेरा दर्द है,  
सुन ले, ये तेरा आवाज़।  

बातें जो तूने छुपाई हैं,  
दिल की बातें कह दे अब।  
तेरे आंसूओं की कहानी,  
सुन ले, ये तेरा सबब।  

हम साथ हैं, तू ना डर,  
सपनों को फिर से सजाएंगे।  
तेरे हर ग़म को बाँट लेंगे,  
साथ मिलकर मुस्कुराएंगे।  

तेरे दिल की हर धड़कन,  
हम समझेंगे, हम जानेंगे।  
सपनों की दुनिया में चल,  
फिर से हम सब कुछ पाएंगे।

जी आर कवियूर
28 08 2024

Saturday, August 24, 2024

बस यही ख्वाब सजाता हूं।

बस यही ख्वाब सजाता हूं।  


तुमको इतना चाहते थे
दूर से देखा करते थे

आज भी मन की आई ने में
तेरी तस्वीर लगा बैठा हूं

तू हर लम्हा याद आती है  
तेरी खुशबू भी सताती है  

दिल की धड़कन सुन ले तू  
हर धड़कन में नाम तेरा ही आता है  

जिन राहों पर तूने कदम रखा  
उन राहों को मैं ताकता हूं  

तेरे बिना जीना मुश्किल है  
ये बात दिल से कहता हूं  

इक बार मिल जाएं हम फिर से  
बस यही ख्वाब सजाता हूं।  

जी आर कवियूर
25 08 2024


Thursday, August 22, 2024

तू मेरी महबूबा

 तू मेरी महबूबा

महबूबा महबूबा

इरुगुवा रहे तुम या 

परागुआ में रहे तुम या

पानी बिना मछली हूं मैं

सबका दिल का रानी हूं मैं


खोजते हैं आंखें  

बिजली जैसे आंखें

हो जाए सब घायल

ग्लैमर सी हूं यारों

तू छूने से मैं 

सोना बन जाए


रूबीयोमें कोहिनूर हूं

नूरानी चेहरा 

लोगों को चाहै

चांदा भी शर्माए

शर्माए शर्माए शर्माए


मैं मोहिनी हूं, 

चुंबक सी बन गई 

तुम साथ हो, 

जिंदगी जिंदगी खुश हो जाए 


जी आर कवियूर

22 08 2024

Wednesday, August 21, 2024

दिल देने वाले समझे

दिल देने वाले समझे  
दास्तान यह प्यार का  
हर धड़कन में बसा है  
एक एहसास इंतज़ार का  

रातों को नींद न आए  
तेरी यादों में खो जाए  
हर ख्वाब में तुझसे  
मिलने का अरमान आए  

कभी ना हो ये दूरी  
ना हो कभी ये मजबूरी  
तेरे बिना जीना मुश्किल  
ये जीवन हो अधूरी  

दिल देने वाले समझे  
दास्तान यह प्यार का।  

जी आर कवियूर
22 08 2024


तेरे बिना यह दिल तन्हा है

तू मेरे दिल की आईना देखे हैं
क्या बताऊं उसे पर छाया जो है
तेरे सिवा वह किसी का भी नहीं है
समझो यह गहराई कितनी है प्यार का

तू मेरी सांसों में बसी है
तेरी यादों का हर पल है
बिन तेरे जीना अब नामुमकिन
तू ही मेरा जीवन का हर पहलू है

आंखों में बस तेरा चेहरा है
दिल में तेरी धड़कन सजीव है
तेरे बिना यह दिल तन्हा है
तेरी हंसी में ही मेरी खुशी है

हर लम्हा तुझसे जुड़ा है
तेरे प्यार में मेरा जहां बसा है
तू ही है वो जिसे चाहा मैंने
तू ही मेरा सपना और सच्चाई है

जी आर कवियूर
21 08 2024

Monday, August 19, 2024

राखी: स्नेह की डोरी, दिलों की बात

राखी: स्नेह की डोरी, दिलों की बात

राखी का त्यौहार है प्यारा,  
भाई-बहन का रिश्ता न्यारा।  
धागों में बंधा है स्नेह,  
दिल में छिपा अपार प्रेम।

भाई का वचन, बहन का प्यार,  
हर संकट में देंगे साथ।  
राखी की डोरी है मजबूत,  
इसमें बसी है दिल की बात।

दूरियां भले हो जाएं लंबी,  
रिश्ता रहेगा सदा अटूट।  
राखी में है वो एहसास,  
जो हर पल रखे दिल को पास।

जी आर कवियूर
19 08 2024

Sunday, August 18, 2024

तेरी धड़कनों में, मेरी धड़कनें

हर एक बार में
पर्दा की है तूने
छुपाई हमसे छुपी नहीं
तेरी नजराना प्यार का

हर एक अदा में, हर एक लम्हा में  
झलकती है तेरी छवि हसीं,  
खामोशी में भी, बातों में भी  
छुपा है कोई अफसाना तेरी मोहब्बत का।

हर एक दर्द में, हर एक ख़ुशी में  
मेरा साथी बना है तू,  
जाने-अनजाने, हर मोड़ पर  
मेरे दिल में तू ही बसा है।

हर रात के तारे, हर दिन की धूप  
गवाही देते हैं तेरे प्यार की,  
तेरी धड़कनों में, मेरी धड़कनें  
मिलती हैं एक साज की तरह।

जी आर कवियूर
19 08 2024

Tuesday, August 13, 2024

ये दिल कैसे बहलाए?

सीने में धड़कता है दिल तेरे लिए
फिर भी नहीं  जाना क्यों यह धड़क
चांद सितारे भी चमके जैसे 
तेरी मुस्कान के सामने फीका पड़ गया

तेरे बिना ये मौसम अधूरे,  
सपने भी अब वीरान हुए,  
हर तरफ तेरी ही यादें,  
पर तू कहां खो गई?  

दिल की हर धड़कन में,  
तेरा ही नाम है,  
फिर भी ये दूरी क्यों है,  
क्यों तन्हा ये शाम है?  

आँखों में तेरी सूरत,  
हर पल मुझे सताए,  
तू जो ना आई,  
ये दिल कैसे बहलाए?

जी आर कवियूर
14 08 2024 

Thursday, August 8, 2024

जहां मैं और तू

जहां मैं और तू

कहीं तो होगी वो दुनिया,  
जहां तेरे संग मेरा वजूद है,  
जहां माँ की ममता और प्यार,  
हर कोने में महकती खुशबू है।  

जहां तू मेरे साथ मुस्कुराता,  
और मैं तेरी हंसी में खो जाता,  
जहां बस तेरे मेरे जज़्बात,  
खामोशी में भी बातें करते हैं।  

वो दुनिया, जहां कोई फासला न हो,  
जहां हर दर्द को तेरा हाथ छू ले,  
जहां मैं और तू, सिर्फ हम बन जाएं,  
और बाकी सब कुछ सपना बन जाए।

जी आर कवियूर
 09 08 2024 

सूरज और किस का संग राष्ट्र की उन्नति

सूरज और किस का संग राष्ट्र की उन्नति

सूरज की किरणें जब मिट्टी में समाती हैं,  
किसान की मेहनत से फसलें लहराती हैं।  
धूप से तपता, पर हौसला न हारता,  
खेत में खड़ा, वो सूरज को निहारता।  

मिट्टी की गोद में जो बीज वो बोता है,  
राष्ट्र का स्वाभिमान उसमें पनपता है।  
पसीने की बूंदों से धरती को सींचता,  
सपनों की फसल, हर दिन वो खींचता।  

सूरज का संग, उसका विश्वास है,  
हर उगता दिन, नई आस है।  

देश की उन्नति, उसकी पहचान,  
किसान है असली, राष्ट्र का स्वाभिमान।

जी आर कवियूर
 08 08 2024 


Monday, August 5, 2024

तेरे बिना

तेरे बिना सावन अधूरा रहेगा
काजल बिना नैना अधूरी रहेगी
मुस्कुराहट बिना फूल कैसे खलेगी
साजन बिन सजनी कैसे रहेगी

राग बिना  सूर कैसे जमेगी
सुरभिना ताल कैसे बजेगी
घुंघरू बिना नाच कैसे नाचेग
सूरज बिना चांद कैसे निकलेगी

सपनों बिना नींद कैसे आएगी
आशा बिना मन कैसे बहलाएगी
दिल की धड़कन गीत कैसे गाएगी
प्रेम बिना दुनिया कैसे चलेगी


जी आर कवियूर
 06 08 2024 



Saturday, August 3, 2024

तेरे बिना अधूरी है

तेरे बिना अधूरी है  

अगर तुम मुझे इतना  
चाहते तो चले आते  
उन आंखों में आंखें डाल कर  
सारे गिले-शिकवे भुलाते  

आज भी तेरी यादों से  
जन्नत की सैर करता हूं  
तेरे बिना इन राहों में  
खुद को तन्हा सा पाता हूं  

तुम्हारे बिना ये शामें  
उदास और वीरान हैं  
दिल की धड़कनें भी अब  
बेमकसद सी जान हैं  

काश तुम समझ पाते  
मेरे दिल की ये पुकार  
तुम्हारे बिन ये जिंदगी  
है अधूरी, बेकरार  

तो लौट आओ मेरे सनम  
इस दिल की फरियाद सुनो  
तेरे बिना अधूरी है  
मेरी मोहब्बत की धुन.

जी आर कवियूर
 03 08 2024 

नक़ाबों-की-नुमाइश

नक़ाबों-की-नुमाइश

एक दुनिया बसी है नक़ाबों में,  
सच्चाई के राज छुपे हैं यहाँ।  
हर दिल में छुपी एक अधूरी ख्वाहिश,  
बयाँ करें नज़रें, पर कहीं से भी नहीं।  

खामोशी बोलती है, हर नक़ाब की तरह,  
आवाज़ें बस दिखावे की हैं यहाँ।  
बेवफाई की तलाश में हर कोई,  
दिल के दरियाओं में, खुदा की तलाश है यहाँ।

रंगीन नकाबों में हर कोई छुपा है,  
चेहरे बदलते हैं, पर दिल वहीँ हैं।  
आँखों में सच्चाई की एक झलक,  
पर डरते हैं, बिना नकाब के जीने से यहाँ।


जी आर कवियूर
 03 08 2024 


Thursday, August 1, 2024

आज कसम खाकर कहते हैं

आज कसम खाकर कहते हैं हम  
तुम्हें कितना चाहते हैं सनम  

बिन तुम्हारे ये जीवन अधूरा  
तुम हो सच्चा साथी हमारा  
हर सुख-दुख में तुम्हारा साथ  
मिलता है हमें अनमोल विश्वास  

तुम्हारी हंसी से खिलती रुत  
आँसू से गमगीन हो जाती धरा  
हमारे दिल का अरमान हो तुम  
दिल की पहचान हो तुम  

सपनों में भी आते हो तुम  
सांसों में भी बसे हो तुम  
बिन तुम्हारे सूना है जीवन  
दिल की धड़कन हो तुम  

हमारी खुशी का कारण हो  
हर खुशी की वजह हो तुम  
रोशन है तुमसे ये जहां  
जीवन का मकसद हो तुम

जी आर कवियूर
 02 08 2024