Friday, May 3, 2024

पाया सा रहा। (गजल)

पाया सा रहा। (गजल)


तेरे करीब आकर
दिल में इतना सुकून पाया
तन्हाई से बच निकला
तमन्ना की राह में
न जाने किधर खो गया

ख्वाबों की दुनिया में
हर ख्वाब सच लगने लगा
ज़िंदगी के सफ़र में
तेरे साथ साथ चलने लगा

दिल की हर धड़कन में
तेरा ही नाम बसने लगा
चाहत की राहों में
तेरी यादों का मेहल बसने लगा

खुशियों की बहारों में
तेरा चेहरा मुस्काने लगा
दर्द की रातों में
तेरी बातों की कहानी गुनगुनाने लगा

हर पल तेरी यादों में
खोया सा रहा, भूला सा रहा
तेरी चाहत में, मोहब्बत में
अपना सब कुछ खोया, पाया सा रहा।

रचना 
जी आर कवियूर
03 05 2024

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