Saturday, May 4, 2024

तू नज़रों में है

तू नज़रों में है


नजर नजरों से मिली
बात बाकी रह गई
अधूरा सा दिल में
छू गई तनहाई में  मन 

दर्द का गीत गाता हूँ
सितारों से बस बातें करता हूँ
रातें गुजर जाती हैं
ख्वाबों में तेरी बातें लिखता हूँ

दिल की धड़कनों में
तेरा ही नाम लिखता हूँ
जिंदगी की कश्ती में
तू ही सहारा चाहता हूँ

हर ख्वाब तेरा
हर ख्वाहिश तेरी मनचाही है
तू नज़रों में है
तेरी ही तलाश में बेरहमी से बहता हूँ

रचना 
जी आर कवियूर
04 05 2024

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