Monday, May 27, 2024

तेरी राहों को सर्वत्र हूं

तेरी राहों को सर्वत्र हूं


तेरी राहों को सर्वत्र हूं,
तेरे ख्वाबों में अब बसर हूं।

तेरी यादों में बसा ये दिल,
तेरे बिना अब मैं अधूरा हूं।

तेरे लम्हों का मैं कारवां,
तेरे बिन मैं जैसे हवा हूं।

तेरी खुशबू से महकता जहां,
तेरे बिना सब कुछ बेजान हूं।

तेरे इश्क़ का मैं दीवाना,
तेरे बिना मैं वीराना हूं।

तेरी चाहत में खोया हुआ,
तेरे बिन मैं आवारा हूं।

रचना 
जी आर कवियूर
27 05 2024

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