ज़िंदगी की राह में बेख़ुदियां,
हर कदम पर नई मुश्किलें।
राहें भी अनजानी सी लगें,
दिल में बसें कई सिलसिले।
कभी हंसी तो कभी आंसू,
हर पल के रंग निराले हैं।
इश्क़ में डूबीं कुछ ख्वाहिशें,
फिर भी अधूरी बातें हैं।
जुगनू जैसे ख्वाब चमकें,
अंधेरों में भी कुछ उजाले हैं।
राहों में मिले हैं कई साथी,
कुछ अपने कुछ पराये हैं।
इस सफर में सिखाई ज़िंदगी,
हमको कई अनमोल हिकायतें।
रचना
जी आर कवियूर
25 05 2024
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