तेरी यादों से भरी हुई
तनहाई ने मेरे तमन्नाओं को
खालिस कर दिया
फिर भी ख्वाब रह गया
तेरे लिए तलाश इन वादीयो में
रात के साये में खोई बातें तेरी
दिल के कोने में बसी यादें तेरी
चाँदनी की किरनों में छुपी रातें
तेरी धड़कनों की गहराई में बातें
तेरी खुशबू में मिली खुशियाँ तो
ज़िन्दगी ने मिटा दी गमों की बातें
ख्वाबों के रास्तों में बिखरी बारिशें
तेरी यादों की मिट्टी से बनी चादर
आँखों में बसी हुई तेरी मुस्कान
सपनों के गहराई में छुपी खोज
तेरी चाहत के रास्ते पे खोया
तेरी यादों से भरी हुई ये कविता
रचना
जी आर कवियूर
05 05 2024
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