Sunday, May 5, 2024

तेरी यादों से भरी हुई

तेरी यादों से भरी हुई

तनहाई ने मेरे तमन्नाओं को
खालिस कर दिया
फिर भी ख्वाब रह गया
तेरे लिए तलाश इन वादीयो में

रात के साये में खोई बातें तेरी  
दिल के कोने में बसी यादें तेरी  
चाँदनी की किरनों में छुपी रातें  
तेरी धड़कनों की गहराई में बातें  

तेरी खुशबू में मिली खुशियाँ तो  
ज़िन्दगी ने मिटा दी गमों की बातें  
ख्वाबों के रास्तों में बिखरी बारिशें  
तेरी यादों की मिट्टी से बनी चादर  

आँखों में बसी हुई तेरी मुस्कान  
सपनों के गहराई में छुपी खोज  
तेरी चाहत के रास्ते पे खोया  
तेरी यादों से भरी हुई ये कविता

रचना 
जी आर कवियूर
05 05 2024

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