खफा ना होना
तू कभी खफा ना होना
आंचल में चेहरा छुपान देना
चांद तले सुलाना देना
आंख भर आई तेरे याद में
तन्हाई में रुलाना देना
सपनों की डगर पर
जीना सिखा दिया तूने
चंद लम्हों में तेरे लिए
मुखड़ा गुनगुनाता चला
तू कभी खफा ना होना
आई होली और दिवाली
लाई रंग और तरंग
यादों की गुलदस्ता दे गई
मगर तू नहीं आई कभी
तू कभी खफा ना होना सनम
तू कभी खफा ना होना
जीआर कवियूर
10 12 2021
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