Friday, December 10, 2021

खफा ना होना

खफा ना होना 

तू कभी खफा ना होना 
आंचल में  चेहरा छुपान देना
चांद तले सुलाना देना
आंख भर आई तेरे याद में
तन्हाई में रुलाना देना

सपनों की डगर पर 
जीना सिखा दिया तूने
चंद लम्हों में तेरे लिए
 मुखड़ा गुनगुनाता चला
तू कभी खफा ना होना 

आई होली और दिवाली 
लाई रंग और तरंग 
यादों की गुलदस्ता दे गई 
मगर तू नहीं आई कभी 
तू कभी खफा ना होना सनम
तू कभी खफा ना होना

जीआर कवियूर
10 12 2021

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