रखो भरोसा -कविता
रात गई जो बीतगई बाते
रिस्तो की साँस बरी सोगते
रिमज़िम बरसे बरसाते
रीवाजो की नजर अंताजे
सात सात रह गई सपने
सितारों तक थी पहचाने
मगर रहगयी मुलाकाते
चार दिनकी चमक दमक
पोहंचे चंदा और चांदनी तक
अगर मगर की बाते में रहगयी
फिरसे रह गई अनदियारा
मगर ये कबतक रहेगी सन्नाटा
अन्थकार बरी राते की छुपाहट
उजाला से आहट हटेगी
आएगी नया सुबह की किरण
भरोसा ही है मनमे जिनकी ईरादा
जी आर कवियुर
18 .06 .2021
Good lines
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