हमने परका
हमने परका परका
यादों की किताबों में
ऑटो सिली थी
कलम का शाही भी
खत्म हो चुकी थी
दोबारा तो लिख नहीं सकते
यादों की इन बातों को
लोटा भी नहीं सकता हूं
अर्जी करो किस्से
यह बेवफा दुनिया की
दस्तूर ओं से
माफ करो
मेरी इन हरकतों से
कैसे कहूं अभी भी
कितना चाहता हूं तुझे
हमने परका परका
यादों की किताबों में
ऑटो सिली थी
कलम का शाही भी
खत्म हो चुकी थी
जी आर कवियूर
11.04.2021
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