Saturday, April 10, 2021

हमने परका

 हमने परका


हमने परका  परका  

यादों की किताबों में 

ऑटो सिली थी  

कलम का शाही भी

 खत्म हो चुकी थी  


दोबारा तो लिख नहीं सकते  

यादों की इन बातों को  

लोटा भी नहीं सकता हूं  

अर्जी करो किस्से  

यह बेवफा  दुनिया की

दस्तूर ओं से


माफ करो  

मेरी इन  हरकतों से  

कैसे कहूं  अभी भी

कितना चाहता हूं तुझे  


हमने परका  परका  

यादों की किताबों में 

ऑटो सिली थी  

कलम का शाही भी

खत्म हो चुकी थी  


जी आर कवियूर  

11.04.2021

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