Wednesday, May 25, 2011

तेरे लिए ............

तेरे लिए ............ 
प्यार को लेकर जा पहुंचा हुं
चाँद सितारों के आँगन में 
जगमगा रहे है दिल की दर्पण पे    
तेरी सूरत की मूरत
दिल के सूरज पे
आई हुई बादल ने    
छिपाई तेरी चमकती 
मोती भरी इस मुखमंडल को परदे से
पाऊँ कैसे इस प्यार को में 
घायल  होकर फिरता हुं
शायर बनके लिखू केसे
तेरी बोली तो  समझता  हुं
तेरी आंखें में लिखी हुई 
नंगमे  चुरा कर लिखता हुं   
फिर भी तू  समझे
काजल जैसी बादल को          

1 comment:

  1. ഇതര്‍ ക്യാ ക്യാ ഹേ..... മേം മണ്‍സൂണ്‍ ഹും തല്ലാന്‍ വരരുത് ഹേ

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