दिल की हालत दिलना जाने ।
तू फिर क्या जाने मेरे बाते ॥
क्या कहु तो क्या सुनावे ।
दिलगी का ये भीते समा ॥
हर शक्स कहते है की ।
दुःख भरी दास्थाये ॥
है नहीं जगाऔर इस दिल में ।
बरगई अखेभी इसकदर ॥
दिया रखकर रोशनी डंडे
क्या जाने अंधेराकी दिक्कत्तें
दिल वाले जरा जाने
दिलगी क्या चीज है ॥
जी आर कवियुर
तू फिर क्या जाने मेरे बाते ॥
क्या कहु तो क्या सुनावे ।
दिलगी का ये भीते समा ॥
हर शक्स कहते है की ।
दुःख भरी दास्थाये ॥
है नहीं जगाऔर इस दिल में ।
बरगई अखेभी इसकदर ॥
दिया रखकर रोशनी डंडे
क्या जाने अंधेराकी दिक्कत्तें
दिल वाले जरा जाने
दिलगी क्या चीज है ॥
जी आर कवियुर
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