Tuesday, September 16, 2014

मैं कौन -


मैं कौन - (कविता ) जी आर कवियूर


मैं कौन हूं

ढूँढता हुँ इस

गली चौबारों में

पहाड़ों से पूछा

नदी नालावोंसे भी पूछा

गीत गाते झरनों से पूछा

सागर की लहरोंसे

आकाश की नीलिमा से

उडते पंछियों से भी पूछा

पेडों से टकराती हवावों से

वार्तालाप से भी लाभ नहीं मिला

दौड़ते दौड़ते थक कर

आँखो बंद बैठे तो

रोश्नी बोली कि मैं हूं

तुम्हारे अन्दर की चेतना ,

सारे संसार मेँ ही हूं

तुम्हारे अलौकिक आनन्द मैं ही हूं

No comments:

Post a Comment